वसिष्ठ धर्मसूत्र वाक्य
उच्चारण: [ vesiseth dhermesuter ]
उदाहरण वाक्य
- वसिष्ठ धर्मसूत्र (वसिष्ठ स्मृति)-इस ग्रंथ में 30 अध्याय हैं।
- वसिष्ठ धर्मसूत्र में ‘गण ' का उल्लेख संगठित समाज के रूप में किया गया है.
- वसिष्ठ धर्मसूत्र में ‘ गण ' का उल्लेख संगठित समाज के रूप में किया गया है.
- गौतम धर्मसूत्र का 19 वां अध्याय ही वसिष्ठ धर्मसूत्र में 22 वें अध्याय के रूप में है।
- [16] इसी प्रकार का विचार वसिष्ठ धर्मसूत्र [17] में व्यक्त किया गया है।
- वसिष्ठ धर्मसूत्र balloon title = “ वसिष्ठ धर्मसूत्र, 4.34 तथा 4.36 ” style = color: blue > * / balloon > में गौतम को उद्धृत किया गया है।
- वसिष्ठ धर्मसूत्र balloon title = “ वसिष्ठ धर्मसूत्र, 4.34 तथा 4.36 ” style = color: blue > * / balloon > में गौतम को उद्धृत किया गया है।
- जिन ग्रंथो के सन्दर्भों का उल्लेख किया गया है वे हैं-काठक संहिता, मैत्रायणी संहिता, आपस्तम्ब धर्मसूत्र, विष्णु स्मृति, वसिष्ठ धर्मसूत्र, मनुस्मृति, गौतमधर्मसूत्र, बृहस्पति धर्मसूत्र आदि।
- ऋषि वशिष्ट तेजस्वी तपस्वी थे ऋग्वेद के अनेक मंत्रों के द्रष्टा वसिष्ठ हैं, सप्तम मंडल के द्रष्टा भी यही ही माने जाते हैं, वसिष्ठ के अनेक ग्रंथ देखे जा सकते हैं योगवासिष्ठ महारामायण, वसिष्ठ धर्मसूत्र (वसिष्ठ स्मृति), वसिष्ठ संहिता जो कि एक शाक्त ग्रंथ है इसमें ज्योतिष के विषयों पर भी विचार प्रस्तुत किया गया है,
- balloon title = “ तदलाभे क्षत्रवृत्तिः-गौतम धर्मसूत्र 1. 7.6 ” style = color: blue > * / balloon > इसी प्रकार [[वसिष्ठ धर्मसूत्र]] में भी गौतम के नाम से यह विचार व्यक्त किया गया है कि यदि कोई आहिताग्नि यात्रा में मर जाए तो उसके सपिण्ड घास-फूस के पुतले का पुनर्दाह करें, किन्तु वर्तमान गौतम धर्मसूत्र में ऐसा कोई सूत्र नहीं है।
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